मोदी सरकार ने देश में तेजी से फैलते ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी के खिलाफ ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सख्त कानून लागू कर दिया है। सरकार का यह फैसला सिर्फ कागजी नहीं, बल्कि 45 करोड़ लोगों की जिंदगी बदलने वाला है, जो अब तक जुए और ऑनलाइन सट्टे के जाल में फंसे हुए थे। इस कानून के लागू होने के बाद देशभर में परिवारों को बर्बादी से बचाने की उम्मीद जगी है और लाखों लोग सम्मान के साथ समाज में नई शुरुआत कर पाएंगे। बुधवार, 20 अगस्त 2025 का दिन ऐतिहासिक रहा। केंद्र सरकार ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 लाकर बड़ा फैसला किया है। बुधवार को लोकसभा में यह बिल पास हो गया। गुरुवार को यह राज्यसभा से भी पारित हो गया। कानून बनते ही पैसे से जुड़ी सभी ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। गूगल प्ले स्टोर से भी कोई ऐसा ऐप डाउनलोड नहीं किया जा सकेगा जो लोगों को पैसे की जालसाजी में फंसाता हो। दिव्य हिमगिरि की विशेष रिपोर्ट।
देश में लंबे समय से ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी की लत ने करोड़ों परिवारों को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया था। मोबाइल फोन पर घंटों गेम खेलते-खेलते जहां युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा था, वहीं पैसे लगाने की होड़ में न जाने कितने घर तबाह हो गए। कई परिवारों की जमा-पूंजी ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग ऐप्स में बर्बाद हो गई, बच्चों की पढ़ाई छूट गई और समाज में इज्जत तक दांव पर लग गई। बुधवार, 20 अगस्त 2025 का दिन ऐतिहासिक रहा। क्योंकि महज कुछ ही मिनटों में देश के 45 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित करने वाला यह बिल पारित हो गया। ऐसे हालात में केंद्र सरकार ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 लाकर बड़ा फैसला किया है। बुधवार को लोकसभा में यह बिल पास हो गया। गुरुवार को यह राज्यसभा से भी पारित हो गया। कानून बनते ही पैसे से जुड़ी सभी ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। गूगल प्ले स्टोर से भी कोई ऐसा ऐप डाउनलोड नहीं किया जा सकेगा जो लोगों को पैसे की जालसाजी में फंसाता हो। सरकार का यह कदम उन 45 करोड़ से भी ज्यादा भारतीयों के लिए राहत की सांस लेकर आया है, जो कहीं न कहीं इस लत की गिरफ्त में आ चुके थे। अब परिवारों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रहेगी, किसी मां-बाप को यह डर नहीं रहेगा कि बेटा मोबाइल गेम में पूरा अकाउंट खाली कर देगा। मोदी सरकार का यह निर्णय न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा देगा बल्कि समाज को भी नई दिशा देगा। जो लोग अब तक ऑनलाइन सट्टेबाजी के कारण शर्म और हताशा में जी रहे थे, वे सम्मान के साथ समाज में एक नई शुरुआत कर पाएंगे। सच मायनों में यह कानून सिर्फ एक प्रतिबंध नहीं, बल्कि परिवारों की खुशहाली और समाज की इज्जत बचाने का संकल्प है। देर से सही, लेकिन अब देश उस राह पर बढ़ चला है जहां ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर किसी का घर बर्बाद नहीं होगा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025’ लोकसभा में पेश किया और बिना किसी बहस के यह महज सात मिनट में आवाज मत से पारित भी हो गया। वैष्णव ने सदन में साफ कहा कि ऑनलाइन मनी गेमिंग अब नशे से भी बड़ा खतरा बन चुकी है, जिसने न सिर्फ 45 करोड़ से ज्यादा लोगों को जकड़ लिया है बल्कि परिवारों की जमा पूंजी और समाज का सम्मान भी दांव पर लगा दिया है। बिल के पारित होते ही देश में पैसे से जुड़े सभी ऑनलाइन गेमिंग एप्स पर प्रतिबंध का रास्ता साफ हो गया है, जिससे करोड़ों परिवारों को राहत मिलेगी। बुधवार दोपहर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन मनी गेमिंग अब नशे से भी बड़ा खतरा बन चुका है । इस लत के कारण 31 महीनों में 32 आत्महत्याएं दर्ज हुईं। कई परिवारों की जीवनभर की जमा पूंजी बर्बाद हो गई और समाज में तनाव, मानसिक बीमारी और अपराध बढ़े। कुछ प्लेटफ़ॉर्म मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्त पोषण में भी इस्तेमाल हो रहे हैं। इस कानून में प्रावधान है कि ऐसे गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाने वालों पर 3 से 5 साल तक की जेल और 1 से 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे ऐप्स को भुगतान सेवा देने वाले बैंक या कंपनियां भी दंड के दायरे में आएंगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन गेमिंग को तीन हिस्सों में बांटा- केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार का मकसद समाज की सुरक्षा करते हुए वैध ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि जब समाज और सरकारी राजस्व के बीच चुनने की बात आती है, तो प्रधानमंत्री हमेशा समाज को प्राथमिकता देते हैं और समाज के हितों से कभी समझौता नहीं किया गया है। यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ।
वैष्णव ने ऑनलाइन गेमिंग को तीन हिस्सों में बांटा। पहला ई-स्पोर्ट्स, जिसमें रणनीतिक सोच, टीम वर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान शामिल हैं। दूसरा ऑनलाइन सोशल गेम्स जैसे सॉलिटेयर, शतरंज और सुडोकू, जिन्हें शिक्षाप्रद और मनोरंजक माना गया। तीसरा हिस्सा ऑनलाइन मनी गेम्स है, जो समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। केंद्रीय ई-मनी गेम्स मंत्री ने कहा कि कई परिवार इनसे बर्बाद हो गए और आत्महत्या तक के मामले सामने आए हैं। इन खेलों से नशे की लत, आर्थिक नुकसान, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और यहां तक कि आतंकवाद को भी बढ़ावा मिला है। हालांकि विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि ऑनलाइन मनी गेम्स खेलने वाले लोगों को कोई सजा नहीं दी जाएगी। केवल सेवा प्रदाताओं, विज्ञापनदाताओं, प्रमोटरों और वित्तीय सहयोगियों पर कार्रवाई होगी। इस कानून के तहत ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश या संचालन करने पर 3 साल तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। विज्ञापन से जुड़े उल्लंघन पर 2 साल तक की कैद और/या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। दोबारा अपराध करने पर 3 से 5 साल तक की कैद और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। सभी प्रमुख अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। इसके अलावा, केंद्र सरकार अधिकृत अधिकारियों को जांच, तलाशी और जब्ती के अधिकार देगी। संदिग्ध मामलों में अधिकारी बिना वारंट प्रवेश, तलाशी और गिरफ्तारी कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि इस कानून से ई-स्पोर्ट्स को वैध पहचान और बढ़ावा मिलेगा, जबकि समाज को ऑनलाइन जुए और मनी गेम्स से होने वाले गंभीर नुकसान से बचाया जा सकेगा।






