पेस्टल वीड स्कूल ने खत्म किया 25 साल का इंतज़ार, जीता PPSA U-18 फुटबॉल खिताब, मैदान पर की विजयी वापसी

0
39

हिम्मत, कौशल और अदम्य जज्बे का प्रदर्शन करते हुए द पेस्टल वीड स्कूल, देहरादून ने PPSA (प्रिंसिपल्स पोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन) इंटर स्कूल फुटबॉल टूर्नामेंट के U-18 वर्ग में शानदार जीत दर्ज की और 25 साल बाद फुटबॉल में गौरव हासिल किया। यह प्रतियोगिता दून इंटरनेशनल स्कूल, रिवरसाइड कैंपस, देहरादून की मेजबानी में आयोजित हुई, जिसमें क्षेत्र के 19 स्कूलों ने भाग लिया।
रोमांचक फाइनल मुकाबले में पेस्टल वीड स्कूल ने द एशियन स्कूल, देहरादून को 5-4 से हराकर यह खिताब जीता और साबित किया कि उसका फुटबॉल गौरव फिर से लौट आया है। यह जीत स्कूल की दृढ़ता, टीमवर्क और खेलों में उत्कृष्टता की अनवरत खोज का प्रमाण है।
विजेता टीम को सम्मानित करते हुए दून इंटरनेशनल स्कूल, रिवरसाइड कैंपस, देहरादून के प्रिंसिपल श्री जैकब अजीथ मैथ्यूज ने खेल भावना की मिसाल पेश की।
स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती राशी कश्यप ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा: “यह ऐतिहासिक 5-4 की जीत इस बात का प्रमाण है कि पेस्टल वीड स्कूल की खेल विरासत आज भी जीवंत और मजबूत है। हमारे U-18 खिलाड़ियों ने साहस, कौशल और दृढ़ संकल्प दिखाते हुए स्कूल को एक बार फिर फुटबॉल के मानचित्र पर स्थापित किया है। वे मैदान के अंदर और बाहर, दोनों जगह सच्चे नायक हैं।”
विजेता U-18 टीम का नेतृत्व कप्तान नैतिक कश्यप (कक्षा 12) और उपकप्तान पियूष सिंह (कक्षा 12) ने किया। टीम कोच श्री नारायण भंडारी के मार्गदर्शन म, श्री शिवम और श्री विवेक के सहयोग से तैयार हुई। टीम के सदस्य थेः निर्नय दत्ता (कक्षा 10), अथर (कक्षा 11), शौर्य ठाकुर (कक्षा 12), वंश चौधरी (कक्षा 12), अनुराग लोधी (कक्षा 12), शिवम जोशी (कक्षा 12), उमर मलिक (कक्षा 10), एकांश चौबे (कक्षा 10), अमित पंवार (कक्षा 11), अंश पांडे (कक्षा 11), अमन जायसवाल (कक्षा 10), हर्ष ठाकुर (कक्षा 9)
स्कूल ने U-15 वर्ग में भी टीम उतारी, जिसने द एशियन स्कूल का सामना किया और कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके, नन्हे खिलाड़ियों ने साहस और संभावनाएं दिखाई, जो आने वाली पीढ़ी के फुटबॉलर्स के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।
यह जीत न केवल पुराने फुटबॉल गौरव को फिर से जीवित करती है बल्कि छात्रों को ऊँचा लक्ष्य रखने, कड़ी मेहनत करने और टीमवर्क व धैर्य की ताकत पर विश्वास करने की प्रेरणा भी देती है।

Previous articleकेदारनाथ में ऐतिहासिक रामकथा वृत्तांत
Next articleसंपादक के विस्थापन का कठिन समय!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here