कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों को लिखना होगा नाम

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(उत्तराखंड में इसी महीने 11 जुलाई से शुरू होने वाली कावड़ यात्रा के लिए प्रदेश की धामी सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। कांवड़ यात्रा के दौरान खाद्य दुकानों पर फूड लाइसेंस और विक्रेता का नाम लिखना होगा।मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा कि प्रदेश में थूक जिहाद जैसी घटनाएं सामने आई है,जिसके बाद सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा। सीएम धामी ने कहा कि बीते कुछ समय से भोजन और खाद्य पदार्थों को इस तरह अशुद्ध करना किसी भी कीमत पर देवभूमि में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमने पहले भी इस मामले में कठोर कार्रवाई की है आगे भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कांवड़़ यात्रा के सफल संचालन के लिये “उत्तराखण्ड कांवड़़ सेवा एप” बनाए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एप में कांवड़ियों की सभी डिटेल उपलब्ध कराई जाए। दिव्य हिमगिरि की रिपोर्ट।)

11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की योगी सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इस बार दोनों प्रदेशों की सरकार ने यात्रा को लेकर दुकानदारों के लिए सख्त आदेश जारी किए हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान इस साल भी खाद्य दुकानों पर फूड लाइसेंस और विक्रेता का नाम लिखना होगा। यूपी के बाद उत्तराखंड की धामी सरकार की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। कांवड़ यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए यह निर्देश दिए गए हैं। सभी खाद्य दुकानों पर अनिवार्य रूप से दुकानदार को फूड लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदर्शित करना होगा। सरकार के निर्देशों का पालन करने पर दुकानदार पर जुर्माना लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा कि प्रदेश में थूक जिहाद जैसी घटनाएं सामने आई है,जिसके बाद सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा। सीएम धामी ने कहा कि बीते कुछ समय से प्रदेश में थूक जिहाद जैसी घटनाएं सामने आई है। भोजन और खाद्य पदार्थों को इस तरह अशुद्ध करना किसी भी कीमत पर देवभूमि में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमने पहले भी इस मामले में कठोर कार्रवाई की है आगे भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं आयुक्त एफडीए डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कांवड़ यात्रा मार्ग के लिए देहरादून, हरिद्वार, टिहरी,पौड़ी और उत्तरकाशी जिलों में खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरी रोकने के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं। छोटे व्यापारियों में ठेले-फड़ वालों को भी फूड लाइसेंस पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदेश करना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही कावड़ यात्रा के दौरान पंडालों,भंडारों के साथ-साथ दुकानदारों में परोसे जा रहे हैं खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से टोल फ्री नंबर 1800180424 6 जारी किया गया है। इस नंबर पर खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर शिकायत दर्ज किया जा सकती है। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर. राजेश कुमार ने कहा कि जो कारोबारी ये निर्देश नहीं मानेंगे। उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिसमें 2 लाख तक का जुर्माना लग सकता है। सभी संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन आदेशों का कड़ाई से पालन हो। श्रद्धालुओं की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

कांवड़ियों की सभी जानकारी के लिए “उत्तराखण्ड कांवड़़ सेवा एप” बनेगा

इसी महीने 11 जुलाई से उत्तराखंड में शुरू होने जा रही कांवड़ यात्रा को लेकर धामी सरकार ने कमर कस ली है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मेला नियंत्रण भवन हरिद्वार में उच्चाधिकारियों के साथ कांवड़ मेला की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कांवड़़ यात्रा के सफल संचालन के लिये “उत्तराखण्ड कांवड़़ सेवा एप” बनाए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एप में कांवड़ियों की सभी डिटेल उपलब्ध कराई जाए। इस एप का उपयोग हर वर्ष आयोजित होने वाली कांवड़़ यात्रा के दौरान किया जा सकेगा, इस से कांवड़़ यात्रा पहले से अधिक सुगम और सुरक्षित हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कांवड़़ यात्रा के सकुशल एवं सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने हेतु जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य सम्बन्धित विभागों को चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे राज्य जहां से अधिकांश कांवड़िए आते हैं। उन राज्यों से परस्पर समन्वय, रियल टाइम डाटा शेयरिंग और सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक इनपुट्स साझा किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कांवड़ यात्रा को आगामी कुंभ मेले का ट्रायल बताते हुए कहा कि ये अनुभव आगामी कुंभ मेले भी काम आएंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कांवड़़ यात्रा मार्गाे पर किसी भी तरह का अतिक्रमण न हो। उन्होंने कावड़ यात्रा से पहले सभी प्रकार के अतिक्रमणों को हटाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन कराने के साथ ही फूड लाइसेंस और रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा मार्ग पर स्थित होटलों के नाम व होटल स्वामियों के नाम भी अनिवार्य रूप से लिखे हों एवं ओवर रेटिंग की शिकायत आने पर संबंधित होटल स्वामियों पर सख्ती से करवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस दौरान शराब तथा मांस से संबंधित एसओपी का भी सख्ती से पालन हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हमने क्लीन और ग्रीन कांवड़़ यात्रा का संदेश देना है, स्वच्छता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जिसके लिए संपूर्ण कांवड़ मार्गाे पर हर घंटे सफाई अभियान चलता रहे। हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश और आस पास के क्षेत्रों में हर 1-2 किलोमीटर पर मोबाइल टॉयलेट, कूड़ा निस्तारण के लिए विशेष गाड़ियों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि कांवड़़ रूट पर हर 2 से 3 किलोमीटर के अंदर स्वास्थ्य केंद्र, एम्बुलेंस और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएं, जिससे आम जन को सहूलियत हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि कावड़ियों की सुविधा को देखते हुए स्थानीय निकायों के सहयोग से रैन बसेरों, टेंट सिटी, आश्रय स्थलों का निर्माण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीसीटीवी और ड्रोन से नियमित निगरानी हो। कांवड़़ रूट का जीआईएस मैपिंग आधारित ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए और ए.आई आधारित ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जाए। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एसडीआर एफ, एनडीआरएफ की तैनाती, बारिश और भूस्खलन की पूर्व चेतावनी प्रणाली सक्रिय की जाए। साथ ही संवेदनशील घाटों पर एनाउंसमेंट सिस्टम भी मजबूत किया जाए।

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