“22 सितंबर से बाजार में बहार”

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लंबे इंतजार के बाद बाजार में रौनक लौटने वाली है। 15 दिन तक चले श्राद्ध पक्ष के कारण जहां दुकानों में सन्नाटा और बाजारों में रौनक कम देखी गई। ‌वहीं अब 21 सितंबर को इसके समाप्त होते ही बाजार में नई जान आ जाएगी। 22 सितंबर, सोमवार से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जिसे शुभ कार्यों और त्योहारों का आगाज माना जाता है। इस बार बाजार की चहल-पहल के पीछे तीन बड़ी वजहें हैं। पहली, श्राद्ध पक्ष खत्म होते ही खरीदार खुलकर खर्च करेंगे। दूसरी, मोदी सरकार ने हाल ही में जीएसटी में कटौती की है, जिससे कई जरूरी और रोजमर्रा की चीजें सस्ती हुई हैं और ग्राहकों की जेब पर बोझ कम हुआ है। तीसरी, नवरात्रि से दीपावली तक चलने वाले त्योहारों के मौसम की धमाकेदार शुरुआत होने जा रही है। ऐसे में दुकानदार भी पूरी तैयारी में हैं और खरीदारों का उत्साह सातवें आसमान पर है। शंभू नाथ गौतम

लंबे इंतजार के बाद अब बाजार में फिर से रौनक लौटने जा रही है। 15 दिन तक चले श्राद्ध पक्ष के दौरान जहां दुकानों में सुस्ती छाई रही और खरीदारों ने जेब ढीली करने से परहेज़ किया, वहीं 21 सितंबर को इसके समाप्त होते ही हालात बदलने लगेंगे। इसके अगले ही दिन 22 सितंबर, सोमवार से नवरात्रि की शुरुआत होगी, जिसे शुभ कार्यों और त्योहारों का आगाज़ माना जाता है। इस बार बाजार के गुलजार होने की तीन बड़ी वजहें सामने आ रही हैं। पहली, श्राद्ध पक्ष की समाप्ति से लोगों की रुकी हुई खरीदारी एक बार फिर तेज होगी। दूसरी, मोदी सरकार की ओर से हाल ही में जीएसटी में की गई कटौती से कई सामान सस्ते हो गए हैं, जिससे उपभोक्ताओं का मनोबल बढ़ा है। तीसरी, नवरात्रि से लेकर दीपावली तक का त्योहारों का लंबा सीजन आने वाला है, जो खरीदारी और बाजार की हलचल को लगातार गति देगा। दुकानदार भी इस मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कई व्यापारियों ने अपनी दुकानों को सजा दिया है, नए-नए ऑफर और छूट का ऐलान किया है। कपड़े, गहने, इलेक्ट्रॉनिक सामान, फर्नीचर और ऑटोमोबाइल बाजार में खरीदारों की भीड़ देखने को मिल रही है। उपभोक्ताओं का उत्साह इतना है कि लोग पहले से ही त्योहारों की लिस्ट बनाकर खरीदारी की तैयारी कर रहे हैं। त्योहारों का यह मौसम न सिर्फ बाजार में नई जान फूंक रहा है, बल्कि कारोबारियों के चेहरों पर भी मुस्कान लौटा रहा है। जीएसटी राहत, श्राद्ध के बाद की उठान और नवरात्रि से शुरू हो रहे त्योहार इन तीनों ने मिलकर माहौल को पूरी तरह बदल दिया है। अब हर कोई यही कह रहा है कि 22 सितंबर से बाजार में सचमुच बहार आने वाली है।

देवभूमि में लगातार आपदा के बाद बाजारों में छाई सुस्ती भी होगी दूर

पिछले दो महीनों से देवभूमि उत्तराखंड पर कुदरत का कहर टूटा है। बादल फटने, भूस्खलन और लगातार बारिश के चलते थराली, धराली, देहरादून, चमोली समेत कई इलाकों में भारी तबाही हुई। इस आपदा में कई लोगों की जानें भी गईं, दर्जनों घर और प्रतिष्ठान क्षतिग्रस्त हुए। गांव-शहर आपदा से कराह उठे, लोग डरे-सहमे अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहे। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और बाजारों में भी सुस्ती छा गई। लेकिन अब हालात बदलने की उम्मीद जगी है। 21 सितंबर को श्राद्ध पक्ष समाप्त हो जाएगा और अगले ही दिन 22 सितंबर, सोमवार से नवरात्रि की शुरुआत होगी। इसे शुभ कार्यों और त्योहारों का आगाज माना जाता है। साथ ही मानसून की विदाई भी हो रही है और अक्टूबर का महीना शुरू होने जा रहा है। अक्टूबर को मौसम का सबसे सुहाना दौर कहा जाता है, न ठंडी, न गर्मी, न बारिश। ऐसे में त्योहारों का आगमन, मौसम का बदलता मिजाज और बाजारों की रौनक मिलकर देवभूमि के लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौटा सकते हैं। देहरादून के पलटन बाजार, हल्द्वानी, हरिद्वार, अल्मोड़ा और पहाड़ी कस्बों तक अब दुकानदारों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कपड़े, मिठाई, इलेक्ट्रॉनिक्स और सजावट के सामान से बाजार सजने लगे हैं। दुकानदारों का कहना है कि वे भी इस सीजन से बड़ी उम्मीद लगाए बैठे हैं, क्योंकि आपदा की मार से टूटी अर्थव्यवस्था को थोड़ी राहत त्योहारों से ही मिलेगी। इस बार नवरात्रि से दीपावली तक का कारोबार हजारों करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। खासकर उत्तराखंड के प्रमुख शहरों में खरीदारी का ग्राफ बीते सालों से कहीं अधिक हो सकता है। लोगों का मानना है कि लंबे समय से छाए भय और मायूसी के बीच त्योहारों का यह मौसम न सिर्फ बाजारों में रौनक भरेगा बल्कि आम जनजीवन को भी नई ऊर्जा देगा। आपदा के गहरे घाव पूरी तरह भर तो नहीं सकते, और कई परिवारों ने अपूरणीय क्षति भी झेली है, लेकिन त्योहारों की चहल-पहल और बाजार की हलचल जरूर मरहम का काम करेगी।

आम जनता को राहत, जीएसटी दर घटने से सस्ते होंगे जरूरी सामान

22 सितंबर नवरात्रि से बाजार में त्योहारी रौनक के साथ-साथ आम जनता को राहत की सौगात भी मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने जीएसटी परिषद की हालिया बैठक में कई वस्तुओं पर कर दरों में कटौती की है, जिससे रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ें और कई उपभोक्ता उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। इसका सीधा असर बाजार में दिखाई देगा और उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम होगा। सबसे बड़ी राहत दूध और दुग्ध उत्पादों को लेकर दी गई है। अब यूएचटी दूध, पैक पनीर और कई तरह के दुग्ध प्रसादों पर जीएसटी खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही मक्खन, घी और पनीर जैसी वस्तुओं पर भी कर में कमी की गई है। इसी तरह, रोटी, खाखरा, पिज़्ज़ा रोटी जैसे पैक खाने की चीज़ों को भी कर दायरे से बाहर कर दिया गया है।सरकार ने घरेलू उपयोग की वस्तुओं को भी सस्ता करने का ऐलान किया है। दंतमंजन, साबुन, केशधोवन और दंतकाष्ठ जैसी आवश्यक वस्तुओं पर अब केवल पाँच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसका फायदा सीधे तौर पर हर घर को मिलेगा। त्योहारी मौसम को देखते हुए मिठाई, ठंडी मलाई, जमी हुई सब्जियां, मुरब्बा और अचार जैसे उत्पादों पर भी कर घटाया गया है, जिससे बाजार में खरीददारी और बढ़ने की संभावना है। वाहन क्षेत्र में भी सरकार ने राहत दी है। छोटे कार मॉडल और 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलों पर जीएसटी दरों में कमी की गई है।
व्यापारी संगठनों का कहना है कि जीएसटी में यह कटौती न सिर्फ बिक्री बढ़ाएगी, बल्कि उपभोक्ताओं की जेब पर भी सकारात्मक असर डालेगी। ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों में त्योहारी मौसम का असर और ज्यादा दिखाई देगा। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इससे उपभोक्ता विश्वास बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। 22 सितंबर से बाजार में सिर्फ रौनक ही नहीं लौटेगी, बल्कि जेब पर बोझ कम होने से त्योहारों का आनंद दोगुना हो जाएगा।

22 सितंबर से सस्ती होंगी मारुति, हुंडई, किया, टाटा और महिंद्रा की गाड़ियां

त्योहारी मौसम से ठीक पहले सरकार ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। जीएसटी परिषद के फैसले के बाद अब चारपहिया वाहनों पर कर दरों में कमी की गई है। इसके चलते मारुति, हुंडई, किया, टाटा और महिंद्रा जैसी बड़ी वाहन कंपनियों की गाड़ियां 22 सितंबर से सस्ती हो जाएंगी। जानकारों के अनुसार छोटे कार मॉडल और मध्यम श्रेणी की गाड़ियों पर जीएसटी दर घटाई गई है। इससे इनकी कीमतों में सीधे तौर पर कमी आएगी। कंपनियां अपने अलग-अलग मॉडलों की नई दरें घोषित करने लगी हैं। अनुमान है कि गाड़ियों की कीमत में लाख रुपये तक की राहत मिल सकती है। वाहन डीलरों का कहना है कि इस कदम से बाजार में बिक्री बढ़ेगी। त्योहारी मौसम में लोग नई गाड़ी खरीदने के लिए पहले से ही बुकिंग कर रहे हैं। जीएसटी कटौती के बाद बुकिंग में और तेजी आने की संभावना है। मारुति, हुंडई, किया, टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियां देश के वाहन बाजार का बड़ा हिस्सा रखती हैं। इनकी गाड़ियां सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडलों में शामिल हैं। कीमतों में कमी से मध्यम वर्ग और युवा उपभोक्ताओं के लिए गाड़ी खरीदना आसान होगा।

त्योहारी सीजन में ऑटो बाजार का बड़ा दांव, छूट से बढ़ेगी बुकिंग, रोजगार को मिलेगी रफ्तार

22 सितंबर से लागू होने वाली जीएसटी कटौती सिर्फ उपभोक्ताओं की जेब को राहत नहीं देगी, बल्कि पूरे ऑटो उद्योग को नई दिशा देने का काम करेगी। अभी तक वाहन क्षेत्र मंदी और ऊंचे दामों से जूझ रहा था। लोग गाड़ियों की बुकिंग करते तो थे, लेकिन ऊंची कीमतों के कारण अंतिम खरीद में झिझकते थे। अब उम्मीद की जा रही है कि जीएसटी दर घटने से यह झिझक खत्म होगी। वाहन डीलरों के अनुसार, पिछले वर्षों की तुलना में इस बार त्योहारी बुकिंग पहले ही तेज रही है। अब कीमतों में कमी से बुकिंग 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इसका असर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में सबसे ज्यादा होगा, जहां लोग लंबे समय से नई गाड़ी लेने का इंतजार कर रहे थे। कार कंपनियों और उनके सप्लायर (पुर्जा निर्माता) को भी इस कटौती से बड़ा फायदा होगा। बिक्री बढ़ने से उत्पादन बढ़ेगा और कारखानों में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अनुमान है कि अगले छह महीनों में ऑटो क्षेत्र में 50 हजार से अधिक नए अस्थायी और स्थायी रोजगार निकल सकते हैं। बैंक और निजी वित्त कंपनियाँ भी इस मौके को भुनाने के लिए नए योजनाएँ लेकर आ रही हैं। आसान किस्तों पर गाड़ी देने और ब्याज दरों में छूट जैसे ऑफर लॉन्च किए जा रहे हैं। इससे उन लोगों को भी गाड़ी खरीदने का मौका मिलेगा, जिनका बजट अब तक सीमित था। महंगाई और आपदाओं से जूझ रही जनता के लिए यह कदम “त्योहार का तोहफा” साबित होगा। जब उपभोक्ता ज्यादा संख्या में नई गाड़ियां खरीदेंगे, तो इसका सीधा असर न सिर्फ ऑटो उद्योग बल्कि पेट्रोल-डीजल खपत, बीमा, सर्विस और साज-सज्जा के छोटे कारोबारियों तक पहुंचेगा।

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