फिर से शुरू हुई चारधाम यात्रा, रजिस्ट्रेशन भी खोले गए

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उत्तराखंड की जीवनरेखा मानी जाने वाली चारधाम यात्रा शनिवार से दोबारा शुरू हो गई है। लगातार बारिश और खराब मौसम के चलते सरकार ने 1 से 5 सितंबर तक यात्रा पर रोक लगाई थी, लेकिन अब मौसम में सुधार के बाद श्रद्धालुओं के लिए द्वार खोल दिए गए हैं। राज्य सरकार ने यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी फिर शुरू कर दी है, जिससे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन कर सकेंगे। दिव्य हिमगिरि की रिपोर्ट

उत्तराखंड में शनिवार, 6 सितंबर से चार धाम यात्रा फिर से शुरू हो गई है। सरकार ने खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण यात्रा रोकी दी थी। चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू किया गया है। उत्तराखंड में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण कई दिनों तक ठप पड़ी चारधाम यात्रा शनिवार से एक बार फिर शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने 1 से 5 सितंबर तक खराब मौसम को देखते हुए यात्रा रोक दी थी, जिससे हजारों श्रद्धालुओं को निराश होकर लौटना पड़ा था। अब मौसम में सुधार होने के बाद प्रशासन ने यात्रा को दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है। साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए यात्रा रूट पर अतिरिक्त पुलिस बल और राहत दलों की तैनाती भी की गई है। शनिवार से चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। प्रशासन का कहना है कि यात्रा के दौरान मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और यात्रियों को सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने पहाड़ी जिलों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई जगहों पर भूस्खलन और सड़कें टूटने से यातायात बाधित हुआ, जबकि ग्रामीण इलाकों में लोगों को बिजली और पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने भी राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था, जिसके चलते सरकार ने चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया था। खराब मौसम के दौरान चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को बीच रास्ते ही लौटना पड़ा, जिससे उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। खासकर रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने हालात को और चुनौतीपूर्ण बना दिया। इस बीच राहत दलों ने फंसे हुए यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। अब मौसम में सुधार होने के बाद यात्रा फिर से शुरू हो गई है, लेकिन प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सावधानी बरतने और यात्रा से पहले मौसम की स्थिति की जानकारी लेकर ही रवाना होने की सलाह दी है।

धामी सरकार ने चार धाम यात्रा मार्ग पर की व्यापक व्यवस्थाएं

चारधाम यात्रा शनिवार से फिर से शुरू हो गई है। धामी सरकार ने यात्रा को बहाल करने के साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे यात्रा मार्गों की सुरक्षा, साफ-सफाई और श्रद्धालुओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखें। इस दौरान यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य शिविर, मेडिकल सहायता केंद्र, पानी और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और समय स्लॉट सिस्टम के जरिए भीड़ और जाम की समस्या को नियंत्रित किया जा रहा है। प्रशासन ने भूस्खलन और खराब मौसम की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में राहत और बचाव दलों की तैनाती भी की है। मुख्यमंत्री धामी ने हेलीकॉप्टर और नेशनल हाईवे पर फंसे यात्रियों के लिए रेस्क्यू टीमों को सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्थानीय व्यवसायियों और होटल संचालकों को भी सुरक्षा और सुविधाओं के मानक सुनिश्चित करने का मार्गदर्शन दिया है। चारधाम यात्रा के धार्मिक महत्व के साथ-साथ उत्तराखंड के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति की जानकारी लेकर ही यात्रा करें और सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा इस वर्ष 30 अप्रैल से श्रद्धालुओं के लिए शुरू हुई थी। यात्रा के पहले ही चरण में हजारों श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए निकले। इस दौरान राज्य सरकार ने यात्रा मार्गों पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और यातायात व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए विशेष तैयारियां की थीं। हालांकि, इस साल बारिश का पैटर्न अनियमित और भारी रहा। 1 से 5 सितंबर तक लगातार खराब मौसम और भूस्खलन के कारण यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए प्रभावित मार्गों पर राहत और बचाव दल तैनात किए। अब मौसम में सुधार होने के बाद यात्रा फिर से सुचारू रूप से चल रही है। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुनिश्चित किया है कि यात्रा के दौरान किसी भी तरह की आपदा या अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सभी सुरक्षा उपाय लागू रहें। उत्तराखंड में पिछले दिनों हुई भारी बारिश ने कई इलाकों में तबाही मचा दी। लगातार वर्षा से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ीं और कई राजमार्ग घंटों तक बाधित रहे। पर्वतीय जिलों में कई गांवों का संपर्क टूट गया, जबकि कई जगह घरों और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा। प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी है।

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