चीन के तियानजिन में शंघाई शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के एक मंच पर आना अमेरिका को रास नहीं आया। वहीं अमेरिका के आर्थिक दबाव के बाद चीन दौरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफल बताया है। तीनों नेताओं की तस्वीर एक साथ होने पर अमेरिका बुरी तरह भड़क गया है। तियानजिन में पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक साथ मंच साझा करना और हाथों में हाथ डालकर तस्वीरें देना केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि इसका गहरा राजनीतिक संदेश भी निकला। यही बात अमेरिका को खटक गई। दरअसल, यूक्रेन युद्ध के बाद से अमेरिका लगातार रूस पर आर्थिक दबाव बना रहा है और चाहता है कि दुनिया उसके साथ खड़ी हो। लेकिन भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखे हुए है। इससे मॉस्को की अर्थव्यवस्था को सहारा मिल रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और चीन के नेताओं के साथ नजदीकियों पर आपत्ति जताई है। नवारो ने कहा कि पीएम मोदी का शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के साथ खड़ा होना शर्मनाक है। पता नहीं वे क्या सोच रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वे समझेंगे कि उन्हें रूस की बजाय हमारे साथ होना चाहिए। वहीं अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे मॉस्को की जंग मशीन को ताकत मिल रही है। उन्होंने भारत को बुरा खिलाड़ी करार दिया। बेसेंट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एससीओ बैठक को दिखावा बताया। हालांकि, उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत मजबूत लोकतंत्र हैं और मतभेद सुलझा सकते हैं। सोमवार को चीन के तियानजिन में एससीओ की बैठक हुई। बैठक से पहले फोटो सेशन के दौरान भारतीय पीएम मोदी, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति पुतिन एक साथ नजर आए। तीनों नेताओं को एक-दूसरे का हाथ पकड़े हुए भी देखा गया। इसके अलावा पीएम मोदी द्विपक्षीय बातचीत के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन की कार में ही सवार होकर गए। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक गोपनीय बातचीत हुई। इन तस्वीरों को डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ तीनों देशों की एकजुटता के तौर पर पेश किया गया। बैठक में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ भी शामिल हुए।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चीन की सार्थक यात्रा का समापन हुआ, जहां मैंने एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और विश्व के विभिन्न नेताओं से संवाद किया। साथ ही प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भारत का रुख स्पष्ट किया। मैं शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति शी, चीन सरकार और जनता का आभारी हूं।






