Thursday, November 6, 2025
Homeउत्तराखंडआईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की गूंज!

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानि आईआईटी रुड़की के 24वें दीक्षांत समारोह में नैसकाॅम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि दीक्षित हो रहे छात्रा छात्राओं ने अभी तक जो सीखा है, उससे आगे की सोच विकसित करने के लिए ऐसा कुछ करना होगा जो विषय के संदर्भ में विशेष हो। उन्होंने आर्टिपिफशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बखूबी करने के लिए खुद की सोच को आगे ब घोष के प्रौद्योगिकी उद्योग क्षेत्रा के अनुभव की तारीपफ की हैं। उनका मानना है कि सुश्री घोष ने जीवन और आजीविका को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति में दृ में परिवर्तित कर दिया गया। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान हरिद्वार से कानपुर तक निकलने वाली उत्तरी गंग नहर का निर्माण जब शुरू हुआ तो तब इंजीनियरों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लेफ्रिटनेंट गवर्नर जेम्स थामसन ने रुड़की इंजीनियरिंग कालेज की स्थापना की थी ताकि गंग नहर के निर्माण में इंजीनियरों और सर्वेक्षकों की आपूर्ति की जा सके। अपनी स्थापना से लेकर आज तक 176 वर्षों में इस संस्थान ने देश को तकनीकी मानव संसाधन और राष्ट्रीय गौरव देने में अहम भूमिका निभाई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की देश के आइआइटी संस्थानों में पांचवें स्थान पर आता है। वहीं यह संस्थान ‘क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024’ में 369वें स्थान पर है। 24 से अधिक संकायों का संचालन कर रहे इस संस्थान की जब स्थापना की गई थी तब इसमें केवल सिविल इंजीनियरिंग से जुड़े गिने-चुने संकाय ही थे और आज यह संस्थान 24 से ज्यादा संकायों का संचालन कर रहा है। इनमें प्रमुख रूप से अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं अभियांत्रिकी, जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी, डिजाइन विभाग, जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन, बी आर्क, नैनो प्रौद्योगिकी, आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन, परिवहन प्रणालियां, विद्युत अभियंत्राण, इलेक्ट्रानिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान, रासायनिक अभियांत्रिकी, रसायनिकी विभाग, कंप्यूटर साइंस एवं अभियांत्रिकी, भूकम्प अभियांत्रिकी, कागज प्रौद्योगिकी, पालिमर एवं प्रोसेस अभियांत्रिकी भौतिकी विभाग, जल विज्ञान विभाग, जल एवं नवीकरण् ाीय ऊर्जा, प्रबंधन विभाग, गणित विभाग, यान्त्रिाकी एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी आदि शामिल हैं। निदेशक प्रोपफेसर केके पंत ने छात्रों से कहा कि संस्थान में छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा एवं गणित सभी क्षेत्रों में समान अवसर दिए जा रहे हैं। एनआइआरएपफ रैंकिंग-2023 में आइआइटी रुड़की को भारत में वास्तुकला एवं नियोजन के शीर्ष संस्थानों के रूप में स्थान मिला है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के कार्यान्वयन में भी संस्थान सबसे आगे है। आईआईटी रुड़की में हाल ही में एनईपी-2020 के अनुरूप अपने स्रातक पाठयक्रम को संशोधित किया है। इसका उद्देश्य छात्रों की वैश्विक आकांक्षाओं के साथ तालमेल बनाए रखना है। साथ ही यह संस्थान अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्रा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना है। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के साथ भी आईआईटी एक परियोजना पर कार्य कर रहा है। उद्योगों की जो समस्या है उसका निराकरण कैसे किया जाए, उस पर कार्य चल रहा है। जल की बर्बादी को रोकने के लिए संस्थान व्यापक स्तर पर कार्य कर रहा है। अभियांत्रिकी को जनहित के कार्यों में प्रयोग करने का एक अद्भुत और अनोखा प्रयोग संस्थान में हो रहा है। संस्थान के निदेशक प्रोपफेसर पंत का कहना है कि हम अपने संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 369 वीं रैंकिंग से 250 वीं रैंकिंग पर लाने के लिए प्रयासरत हैं। दीक्षांत समारोह में अंचिता नाथ बी टेक को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, पार्थ सारथी मिश्रा बीटेक इलेक्ट्राॅनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी को निदेशक स्वर्ण पदक, भारत के राष्ट्रपति रहे डा शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक उज्जवल कुमार दूबे बीटेक कम्प्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी को, संस्थान रजत पदक बीटेक व संस्थान कास्य पदक रि(म सदाना को प्रदान किया गया। वही दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए कुर्ता पजामा तथा छात्राओं के लिए हल्के बादामी रंग की साड़ी का ड्रेस कोड निर्धारित किया गया था।
(लेखक आध्यात्मिक चिंतक व वरिष्ठ पत्राकार है )

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