मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश किया। नीतीश कुमार के बिहार और चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश पर केंद्र सरकार मेहरबान रही। बिहार को 58.9 हजार करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ की मदद दी। वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकाॅर्ड बनाया। इस बार भी वित्त मंत्राी सीतारमण का बजट दिलचस्प और पेचीदा रहा। सही मायने में केंद्र सरकार का यह बजट युवाओं और बेरोजगारों के लिए चिंतित होना, एनडीए घटक दलों को खुश करना और मध्यवर्ग के लोगों को टैक्स में थोड़ी सी राहत पहुंचाने पर आधारित रहा। बजट में टैक्स को लेकर राहत दी गई। लेकिन आम लोगों को इसमें भी टैक्स बचाने के लिए नए और पुराने में उलझा दिया। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। वहीं सैलरीड पर्सन को मिलने वाले स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 75 हजार किया है। लेकिन पुराने टैक्स रिजीम को नहीं छुआ है। शंभू नाथ गौतम वरिष्ठ पत्राकार इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली में संसद का बजट सत्रा चल रहा है। राजनीति में बजट एक ऐसा विषय है जिसका विपक्षी दल हमेशा विरोध करता आया है। सत्तारूढ़ सरकारों का बजट सबसे महत्वपूर्ण एजेंडों में से एक माना जाता है। केंद्र हो या राज्य सरकारें इसी आधार पर अपनी दिशा और दशा तय करती रहीं हैं? 23 जुलाई को केंद्र की मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकाॅर्ड बनाया। इस बार भी वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण का बजट दिलचस्प और पेचीदा रहा। सही मायने में केंद्र सरकार का यह बजट युवाओं और बेरोजगारों के लिए चिंतित होना, एनडीए घटक दलों को खुश करना और मध्यवर्ग के लोगों को टैक्स में थोड़ी सी राहत पहुंचाने पर आधारित रहा। बजट में टैक्स को लेकर राहत दी गई। लेकिन आम लोगों को इसमें भी टैक्स बचाने के लिए नए और पुराने में उलझा दिया। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। वहीं सैलरीड पर्सन को मिलने वाले स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 75 हजार किया है। लेकिन पुराने टैक्स रिजीम को नहीं छुआ है। कुल मिलाकर कोई बड़ा चेंज नहीं हुआ जिससे कि ये इनकम टैक्स का ड्रीम बजट हो जाए। बजट में वित्त मंत्राी ने आम जनता, कृषि क्षेत्रा, रोजगार, स्किल डिवेलपमेंट और एजुकेशन सेक्टर के लिए कई बड़े एलान किए। वित्त मंत्राी ने बजट भाषण में कहा कि इस बजट में गरीब, महिलाएं, युवा और किसानों पर जोर दिया गया है। ऐसे ही युवाओं, बेरोजगारों और मुद्रा लोन को लेकर घोषणाओं को समझने के लिए छोड़ दिया गया। इस बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार की बहार रही। नीतीश कुमार के बिहार और चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश पर केंद्र सरकार मेहरबान रही। मोदी सरकार 3.0 बिहार के मुख्यमंत्राी नीतीश कुमार की जेडीयू और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्राी चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के भरोसे केंद्र में सत्ता चला रही है। बिहार को 58.9 हजार करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ की मदद दी। इस बजट को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्राी एन चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्राी नीतीश कुमार ने सराहना की। प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने बजट को लेकर कहा कि पिछले 10 सालों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। यह बजट नए मध्यम वर्ग के सशक्तिकरण के लिए है। इस बजट से युवाओं को असीमित अवसर मिलेंगे। इस बजट से शिक्षा और कौशल को नया आयाम मिलेगा। यह बजट नए मध्यम वर्ग को ताकत देगा, यह बजट महिलाओं, छोटे कारोबारियों, एमएसएमई की मदद करेगा। वहीं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश और बिहार को आर्थिक विशेष पैकेज दिए जाने पर कांग्रेस समय विपक्षी दल नाराज हो गए। सोना-चांदी सस्ता, इंपोर्टेड ज्वैलरी, प्लेटिनम पर कस्टम डयूटी घटी, कैंसर की दवाएं, मोबाइल-चार्जर, मछली का भोजन, चमड़े से बनी वस्तुएं, रसायन पेट्रोकेमिकल पीवीसी फ्रलेक्स बैनर और सोलर पैनल सस्ते हो गए हैं।
हर साल 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप, एजुकेशन लोन पर 3% ब्याज सरकार देगी
शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया। यह पिछले बजट से 32ः ज्यादा है। बजट भाषण में वित्त मंत्राी ने नौकरियों और स्किल ट्रेनिंग से जुड़ी 5 स्कीम्स का ऐलान किया है। 1 करोड़ युवाओं को 5 साल में स्किल्ड किया जाएगा। सरकार 500 टाॅप कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देगी। इंटर्नशिप के दौरान 5 हजार रुपए हर महीने का स्टाइपेंड मिलेगा। हायर एजुकेशन के लिए 10 लाख तक का लोन जिन स्टूडेंट्स को सरकारी योजनाओं के तहत कोई पफायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए 10 लाख तक के लोन में सरकारी मदद मलिेगी। सालाना लोन पर ब्याज का 3ः पैसा सरकार देगी। इसके लिए ई-वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल 1 लाख स्टूडेंट्स को मिलेंगे। वहीं तीन करोड़ गरीब परिवारों व मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए पीएम आवास योजना के तहत नए घर बनाए जाएंगे। इसके लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। साथ ही रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए रेगुलेशन के लिए नियम बनाए जाएंगे। महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही कामकाजी महिलाओं के लिए हाॅस्टल और शिशु गृह बनाए जाएंगे। केंद्रीय बजट 2024 में कृषि और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके साथ ही छह करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी। पांच राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
बजट में बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘एनपीएस वात्सल्य’ की घोषणा
वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण ने आम बजट में कई घोषणाओं के साथ बच्चों ;नाबालिगोंद्ध के लिए नई पेंशन योजना ‘एनपीएस वात्सल्य’ शुरू करने की घोषण् ाा की। वित्त मंत्राी ने संसद में 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। बच्चे के वयस्क होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा। एनपीएस वात्सल्य योजना एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत बनाई गई है। इस योजना का उद्देश्य विशिष्ट लाभार्थियों को वित्तीय सुरक्षा और पेंशन प्रदान करना है। एनपीएस एक टैक्स सेविंग स्कीम है। इस योजना के मुताबिक 18 से 60 साल के बीच कोई भी व्यक्ति अपना एनपीएस खाता देश के किसी भी बैंक में खोल सकता है। 60 साल की उम्र के बाद निवेशक को धनराशि का एक हिस्सा मिलता है। जबकि दूसरा हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलता है। अभी तक कोई भी नाबालिग इस योजना में निवेश नहीं कर सकता था। मगर अब वात्सल्य के तहत नाबालिग के नाम पर भी माता-पिता निवेश कर सकेंगे। पेंशन पफंड रेगुलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथाॅरिटी एनपीएस को रेगुलेट करती है। एनपीएस की शुरुआत सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए की गई थी। हालांकि 2009 में निजी क्षेत्रा के कर्मचारियों को भी इसका लाभ दिया गया है। इस योजना में टियर-1 और टियर-2 के तहत निवेश किया जा सकता है। टियर-1 को रिटायरमेंट खाता और टियर-2 को वाॅलंटरी खाता कहा जाता है। जब आप खाता खुलवाते हैं तो टियर-1 में 500 रुपये और टियर-2 में 1000 का निवेश करना होता है। एनपीएस एक नियमित निवेश योजना है। इसमें हर साल योगदान देना अहम है। सेवानिवृत्त होने पर निवेश राशि का 60 पफीसदी हिस्सा एकमुश्त मिलता है। वहीं बाकी बचा 40 पफीसदी हिस्सा पेंशन स्कीम के तहत मिलता है। एनपीएस वात्सल्य योजना की शुरुआत अभी नहीं हुई है। बजट में सिपर्फ एलान किया गया है। सरकार का कहना है कि जल्द ही योजना को शुरू किया जाएगा। यह योजना नाबलिगों की खातिर होगी। इसमें माता-पिता और अभिभावक बच्चे के नाम पर एनपीएस खाते में निवेश करने के योग्य होंगे। बच्चे के 18 साल पूरे होने पर उसका खाता एक सामान्य एनपीएस खाते में बदल जाएगा। भविष्य में आपके बच्चों को एकमुश्त राशि और पेंशन का लाभ मिलेगा।
कस्टम डयूटी हटने के बाद सोना 5000 और चांदी 6000 रुपए हुई सस्ती
इस बार बजट सोना-चांदी खरीदने वालों के लिए पफायदे का सौदा रहा। केंद्रीय वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण के पेश किए गए बजट के बाद बाजार में सोना चांदी के दाम घट गए। जो लोग सोना-चांदी खरीदने की तैयारी कर रहे थे उनको राहत मिली है। सोना-चांदी के खरीदारों के लिए खुशखबरी है। सोने और चांदी की साप्ताहिक कीमतों में गिरावट देखने को मिली। इस कारोबारी हफ्रते में सोने के भाव में 5,087 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई है जबकि चांदी के भाव में भी 6,925 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन यानी आईबीजेए की वेबसाइट के मुताबिक, इस बिजनेस वीक की शुरुआत में 22 जुलाई को 24 कैरेट सोने का रेट 73,218 था, जो बीते कारोबारी दिन यानी 26 जुलाई तक घटकर 68,131 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है। वहीं, 999 शु(ता वाली चांदी की कीमत 88,196 से घटकर 81,271 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई है। गौरतलब है कि वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोने और चांदी पर लगने वाली कस्टम डयूटी को 10 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया है। इसमें बेसिक कस्टम डयूटी 5 फीसदी, एग्री इंप्रफा एंड डेवलपमेंट सेस 1 फीसदी है। इसके अलावा प्लेटिनम पर लगने वाला शुल्क कम होकर अब 6.4 फीसदी हो गया है। इसके अलावा वित्त मंत्राी के बजट एलान के मुताबिक, इंपोर्टेड ज्वैलरी पर भी कस्टम डयूटी में कटौती की गई है। दरअसल, सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6ः कर दिया गया है, इससे घरेलू कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल सकती है और गोल्ड डिमांड में बढ़ोतरी हो सकती है। सोने और चांदी पर मौजूदा शुल्क 15ः है, जिसमें 10ः बेसिक कस्टम डयूटी और 5ः एग्रीकल्चर इंप्रफास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस शामिल था। वित्त मंत्राी के एलान के बाद अब 5 पफीसदी बेसिक कस्टम डयूटी लगेगी, जबकि सेस 1 पफीसदी होगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने कैंसर रोगियों को राहत देते हुए उपचार में इस्तेमाल होने वाली तीन प्रमुख दवाइयों पर कस्टम डयूटी को समाप्त कर दिया है। वित्त मंत्राी ने अपने भाषम के दौरान कहा कि मैं कैंसर की तीन और दवाइयों को सीमा शुल्क से पूर्ण छूट दिए जाने का प्रस्ताव करती हूं। इन दवाओं में ट्रैस्टूजूमैब डेरक्स्टेकैन, ओसिमेर्टिनिब और डर्वालुमैब दवा शामिल है। अब तक इन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी की दर से लगाई जा रही थी। वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान कहा कि पिछले 6 साल में मोबाइल फोन के घरेलू उत्पादन में तीन गुना का इजाफा देखने को मिला है। इसके साथ ही मोबाइल फोन के निर्यात में लगभग 100 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे साफ है कि भारत का मोबाइल फोन उद्योग खूब फल-फूल रहा है। ऐसे में सरकार ने उपभोक्ताओं के हित में मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीबीए और मोबाइल चार्जर पर बीसीडी को घटाकर 15 फीसदी करने का निर्णय लिया है।





