प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय विश्व शांति,एकता व विश्वास के लिए मीडिया की भूमिका विषय पर 5 दिवसीय सेमिनार आयोजित कर रहा है।इस सेमिनार में पत्रकारों को आध्यात्म से जोड़ने और उनको राजयोग अभ्यास कराकर तनावमुक्ति के गुर भी सिखाए जांएगे। यह सेमिनार26 सितंबर से प्रारंभ होकर 30 सितंबर तक चलेगा। यह सम्मेलन “शांति,एकता व विश्वास बढाने में मीडिया की भूमिका” विषय पर आयोजित किया जा रहा है। इस महासम्मेलन में 1500 से अधिक मीडिया कर्मियों के लेने की व्यवस्था की गई है । इस राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक पत्रकारिता की ओर प्रेरित करना है साथ ही साथ पत्रकारों के मानसिक दबाव को राजयोग के अभ्यास के माध्यम से कम करना है। साथ ही ऐसे लोगों की आवाज को उठाना जो असक्त हैं और अपनी स्वयं की रक्षा नहीं कर सकते। यदि पत्रकारों को मूल्यनिष्ठ ,कर्तव्यनिष्ठ व चरित्रवान बनाने के लिए समय समय पर प्रशिक्षित किया जाए तो मीडिया जगत में सच परोसने वालो की संख्या बढ़ सकती है।ब्रह्माकुमारीज मीडियाविंग के मुख्यालय समन्वयक बीके शांतनु भाई के संयोजन में देशभर से चुनिंदा पत्रकारो,मीडिया प्राध्यापको व संस्थान प्रमुखों के माध्यम से मीडिया की वर्तमान दशा व दिशा पर चिंतन के साथ शांति, एकता ,विश्वास बढाने के लिए मीडिया के योगदान पर यह सेमिनार आयोजित हो रही है।ब्रह्माकुमारीज मीडियाविंग के चेयरपर्सन बीके करुणा भाई मानते है कि मीडिया अपनी सार्थक जिम्मेदारी निभाता आया है और विचलित हुए बिना राष्ट्रीय व सामाजिक सरोकारों को आमजन के सामने लाने में मीडिया का हमेशा अहम योगदान है।तभी तो ब्रह्माकुमारीज संस्थान पिछले 27 वर्षों से पत्रकारिता को आध्यात्मिकता से जोड़कर देश विदेश के पत्रकारों को मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता के लिए प्रशिक्षित कर रहा है।वर्तमान दौर में मीडिया के माध्यम से परोसे जा रहे सत्य की सारगर्भित विवेचना होने और देश की अर्थव्यवस्था, चुनाव, राजनीति व मीडिया की स्वतंत्रता को भी रेखांकित किया जाता है। मीडिया की विभिन्न चुनोतियो की ओर ध्यानाकर्षण कराने और मिडिया पर आए संकट को भी परिभाषित किया जाएगा।सच यह भी है कि देश मे सच लिखने वाले अच्छे पत्रकारों की भी कमी नही है लेकिन अगर ब्रह्माकुमारीज जैसी संस्थाओं के माध्यम से पत्रकारों को समय समय पर मिशनरी पत्रकारिता के लिए प्रशिक्षण दिया जाता रहा तो अर्द्ध सत्य परोसने वालो की संख्या घट सकती है और सत्य आधारित मूल्यपरक पत्रकारों की संख्या में आशातीत बढ़ोतरी हो सकती है।ब्रह्माकुमारीज मीडियाविंग के नेशनल कोर्डिनेटर बीके सुशांत भाई युवा पत्रकारों के चरित्रनिर्माण पर जोर देते है ,उनका कहना है कि देश और समाज को उन्नत करने के लिए मूल्यो को समझना व उनपर चलना जरूरी है। मीडिया में अपेक्षित सुधार के लिए ब्रह्माकुमारीज के द्वारा आयोजित की जाने वाली नेशनल मीडिया सेमिनारों की आज के दौर में सबसे ज्यादा आवश्यता है।
तभी मीडिया अच्छे काम करके देश व समाज मे अपनी सार्थक भूमिका निभा सकता है। वास्तविकता यह भी है कि लोकतंत्र में मीडिया के महत्व को नकारा नही जा सकता और ब्रह्माकुमारीज के इस विषयक योगदान की सराहना होनी ही चाहिए।क्योंकि ब्रह्माकुमारीज के माध्यम से पत्रकारों को निरन्तर मूल्याधारित पत्रकारिता का प्रशिक्षण देकर हालात बदले जा सकते है।ब्रह्माकुमारीज मिडियविंग मुख्यालय समन्वयक बीके शांतनु मानते है कि पत्रकारों द्वारा की गई सामाजिक सेवा व सामाजिक मूल्यों को बचाये रखने के उनके योगदान को भुलाया नही जा सकता।साथ ही हमे अच्छी सोच पैदा करनी होगी, तभी हम मीडिया को अच्छा बना सकते है।
मीडिया में आये दिन हो रहे बदलाव और उसके प्रभाव को लेकर भी इस सम्मेलन में चर्चा होगी।पत्रकारिता के क्षेत्र में नए विद्यार्थियों की अपेक्षाओं और इस दिशा में आमजनमानस की सोच को रेखांकित करते हुए बाजारवाद के बाद भी मूल्यों का बचा रहना ब्रह्माकुमारीज जैसी संस्थाओं के माध्यम से ही संभव हो पा रहा है।मीडिया सम्मेलन में देशभर से भाग लेने वाले पत्रकार संकल्प लेते है कि वे ब्रह्माकुमारीज से जाकर अपनी लेखनी के माध्यम से सकारात्मक खबरों को बढ़ावा देंगे,क्योंकि पत्रकारिता में आध्यात्म के समावेश से ही समृद्ध भारत की तस्वीर बनेगी। पत्रकार अपने समाचार के माध्यम से समाज में आशा जगाने वाली सकारात्मक खबरों को प्रस्तुत करने की पहल भी ब्रह्माकुमारीज से प्रेरित होकर करते है। इससे ही मीडिया समाज को मानसिक स्वास्थ्य परोस सकता है। समाज और जीवन को प्रभावित करने वाली जो भी गतिविधियां हमारे समाज में हैं, उसमें समाज को प्रभावित करने के लिए मीडिया एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मीडिया समाज के लोग मंगल कार्य में बहुत प्रभावकारी है। जैसे डॉक्टर शरीर के स्वास्थ्य के लिए है, उसी प्रकार मीडिया मानसिक स्वास्थ्य समाज को दे सकता है। अगर देश को सही मायने में स्वर्णिम भारत बनाना है तो मीडिया को सच्चाई दिखाने के दरवाजे खोलने पड़ेंगे। ब्रह्माकुमारीज के पवित्र वातावरण में आकर पत्रकारों को भी पवित्रता का अनुभव होता है और उनके मन को शांति मिलती है। वर्ष 1937 में बहुत ही छोटे स्तर पर सिंध प्रांत कराची में ब्रह्माकुमारीज संस्थान की नींव ओम मंडली के रूप में रखी गई थी और अपनी इतने वर्षों की यात्रा में आज यह संस्था विश्व के 140 देशों में 8500 से अधिक सेवाकेंद्रों के माध्यम से राजयोग मेडिटेशन और आध्यात्म का संदेश दे रहा है । ब्रह्माकुमारीज में पचास हजार ब्रह्माकुमारी बहनें तन-मन-धन से समर्पित रूप से सेवाएं दे रही हैं,वही दुनियाभर में संस्था के 20 लाख विद्यार्थी नियमित राजयोग ध्यान करते हैं। जो अपने आप मे सुखद व विश्व शांति का कारक है। (लेखक ब्रह्माकुमारीज मिडियाविंग के आजीवन सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार है)





