जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के साथ प्रौद्योगिकी और निवेश साझेदारी की संभावनाओं पर चर्चा की

    0
    35

    रुड़की, 27 अगस्त: फ्रैंकफर्ट से आए एक जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के अधिकारियों और शिक्षाविदों से मुलाकात कर प्रौद्योगिकी सहयोग और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। आईआईटी रुड़की में आयोजित इस बैठक में इंजीनियरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, उभरती प्रौद्योगिकियों और नवाचार-आधारित उद्यमों पर विशेष रूप से बातचीत हुई।

    आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने उत्तराखंड प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें आईआईटी रुड़की और उत्तराखण्ड सरकार के प्रतिनिधि शामिल थे। प्रोफ़ेसर पंत ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की विजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य को निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के साथ साथ लगातार निवेश की संभावनाओं तलाशी जा रहीं हैं। प्रो. पंत ने सेमीकंडक्टर, स्पेस साइंस, डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में अवसरों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस तरह का सहयोग स्थानीय रोज़गार सृजन में मददगार होगा और पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोक पाने में कारगर साबित हो सकता है। उन्होंने स्थिरता, महिला सशक्तिकरण और आपदा पूर्व चेतावनी प्रणालियों में भी भारत-जर्मनी सहयोग पर बल दिया।

    जर्मनी के इनोवेशन हब राइन माइन के सीईओ श्री स्टीफन विटेकाइंड ने कहा कि फ्रैंकफर्ट उन भारतीय स्टार्टअप्स और मिड-साइज़ कंपनियों के साथ साझेदारी करना चाहता है, जो जर्मनी और यूरोप की मदद से वैश्विक विस्तार करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल स्किल्स में जर्मनी अग्रिम क़तार में है और वह भारतीय संस्थानों और उद्यमों के साथ सहयोग को लेकर उत्साहित है। दोनों पक्षों ने आशा व्यक्त की कि उत्तराखंड और फ्रैंकफर्ट के बीच घनिष्ठ संबंध नवाचार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और निवेश के नए द्वार खोलेंगे और भारत-जर्मनी के सहयोग को और मजबूत करेंगे।

    Previous articleलालढांग – चिल्लरखाल मोटर मार्ग शीघ्र बनाया जाएगा: अनिल बलूनी
    Next articleडॉ. हरीश चंद्र अंडोला की पुस्तक फंडामेंटल ऑफ केमिस्ट्री का हुआ भव्य विमोचन

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here