भारत विकास परिषद ने बनाया हरेला पर्व

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16 जुलाई 2025 को भारत विकास परिषद की मां चूड़ामणि देवी शाखा भगवानपुर के द्वारा उत्तराखंड के प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक त्यौहार हरेला बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए भगवानपुर की विधायक श्रीमती ममता राकेश ने कहा कि औद्योगिकीकरण के इस युग में वृक्षों एवं वनों को बड़ी निर्दयता के साथ काटा जा रहा है।जिसके दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं।संपूर्ण विश्व का तापमान बढ़ रहा है।जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं तथा समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है।इससे समुद्र के किनारे बसे शहरों का अस्तित्व ही संकट में आ गया है। इन सब का एक ही उपाय है कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगाए तथा उनकी देखभाल करें
भारत विकास परिषद के प्रांतीय महासचिव संजय गर्ग ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं दर्शन में वृक्षों को देवत्व का दर्जा प्राप्त है।देवताओं की भांति पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है।स्त्रियां व्रत रखकर उसकी परिक्रमा करती हैं।प्रातः काल भगवान की पूजा अर्चना करने के पश्चात बचे हुए जल को तुलसी के पौधे में चढ़ाकर उसको प्रणाम किया जाता है।भगवान सत्यनारायण जी की कथा में केले तथा आम के वृक्षों की पूजा का प्रावधान है तथा बेल की पत्तियों की महिमा तो इतनी अधिक है कि वह सावन के महीने में भगवान शिव के मस्तिष्क पर चढ़ाई जाती हैं। कदंब के वृक्ष को भी भगवान श्री कृष्ण का प्रिय समझकर उसे प्रणाम किया जाता है।
भारत विकास परिषद के संरक्षक दुष्यंत त्यागी,अध्यक्ष संजय पाल, उपाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल सचिव श्रीमती कल्पना सैनी, वित्त सचिव पुष्पराज सिंह चौहान, संगठन सचिव सुधीर सैनी,संयोजक सेवा श्रीमती निधि, सैयद त्यागी, बृजमोहन, अशोक,राजकुमार तथा नंदन अग्रवाल आदि ने 50 से अधिक फलदार छायादार तथा औषधिय पेड़ लगाए।

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