भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष ने किया गलोगी जल विद्युत परियोजना का भ्रमण।

0
38

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने आज यूजेवीएन लिमिटेड की ऐतिहासिक गलोगी लघु जल विद्युत परियोजना का दौरा किया। वर्ष 1907 में मसूरी के पास स्थापित यह परियोजना 118 वर्षों से विद्युत उत्पादन द्वारा क्षेत्र के विकास में भागीदार रहती आई है और आज भी विद्युत उत्पादन द्वारा अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उल्लेखनीय है कि जब दिल्ली जैसे शहरों में भी बिजली नहीं थी तब गलोगी परियोजना द्वारा मसूरी शहर में विद्युत आपूर्ति द्वारा जगमगाहट देखी जाती थी। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने इस अवसर पर उपस्थित यूजेवीएन लिमिटेड के अधिकारियों से धरोहर के रूप में सहेजी गई इस परियोजना के तकनीकी एवं ऐतिहासिक पक्षों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इंग्लैंड और स्वीडन में निर्मित परियोजना की मशीनों की अनुरक्षण और परिचालन प्रणाली का अवलोकन किया। परियोजना से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें परियोजना की निरंतर कार्यशीलता, तकनीकी दक्षता और इसके रख-रखाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी।


उल्लेखनीय है कि विगत वित्तीय वर्ष में गलोगी परियोजना द्वारा 8 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया, जो कि इस परियोजना के प्रभावी एवं उत्कृष्ट संचालन का प्रमाण है। मनोज त्रिपाठी ने 118 वर्ष पुरानी इस परियोजना से आज भी सुचारू रूप से विद्युत उत्पादन होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल सहित परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके समर्पण और तकनीकी उत्कृष्टता के लिए बधाई देते हुए कहा कि यूजेवीएन लिमिटेड तथा उत्तराखंड राज्य के लिए गौरव का प्रतीक यह परियोजना राज्य और निगम की ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी दक्षता और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण का उत्तम उदाहरण है।
इस अवसर पर यूजेवीएन लिमिटेड के उप महाप्रबंधक विद्युत एवं यांत्रिक अजय सिंह, उप महाप्रबंधक सिविल कृष्ण कुमार सिंह बिष्ट, अधिशासी अभियंता राकेश सिंह नेगी, अवर अभियंता ललित बुढ़ाकोटी आदि के साथ ही परियोजना से जुड़े अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

Previous articleउत्तराखंड शासन में सचिव शैलेश बगौली ने ह्यू गैंटज़र को भेंट किया भारत का चौथा सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री अलंकरण
Next articleआपदा प्र्रबंधन का मतलब ही चौबीस घंटे सर्तक रहना हैः विनोद कुमार सुमन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here