Thursday, November 6, 2025
Homeउत्तराखंडसततता, पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था, और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करके उत्तराखंड में बनेगा...

उत्तराखंड राज्य परिषद विज्ञान और प्रौद्योगिकी(UCOST) द्वारा ‘उत्तराखंड के लिए ।प् पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जो कि देहरादून के मुख्यमंत्राी सदन में हुआ। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के लिए तत्परता को बनाना और राज्य में एक सक्रिय AI पारिस्थितिकी तंत्रा स्थापित करना है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय मुख्यमंत्राी श्री पुष्कर सिंह धामी ने की, जिन्होंने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन AI के उपयोग के लिए एक रोड मैप तैयार करेगा, जो सततता, पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था, और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करेगा। उद्घाटन सत्रा में प्।ै नितेश झा ने स्वागत भाषण दिया और चिकित्सा, शिक्षा, और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में AI को अपनाने पर चर्चा की। इस कार्यक्रम के दौरान ठवकीपेंजजअं के आॅनलाइन संस्करणों का भी विमोचन किया गया, जो कि अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं। न्ब्व्ैज् के महानिदेशक प्रोपफेसर दुर्गेश पंत ने उत्तराखंड को ‘साॅल्यूशन स्टेट’ बताया और समाधान, आध्यात्मिकता, और विज्ञान के 3 ैश्े पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। सेवानिवृत्त प्।ै दिनेश त्यागी ने कहा कि AI लोगों की ज़िन्दगी को सरल बनाता है। कार्यक्रम में AI के विभिन्न पहलुओं पर तकनीकी सत्रों की एक श्रृंखला शामिल थी। पहले सत्रा का शीर्षक था ‘उत्तराखंड के लिए AI पारिस्थितिकी तंत्रा। राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखण,’ जिसमें विभिन्न विशेषज्ञों ने अपनी राय प्रस्तुत की। प्रोफेसर संजय जसोला, ग्रापिफक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति, ने तेजी से बदलती तकनीकी प्रगति के बीच अकादमिक संस्थानों के लिए चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। डाॅ. हरिश कर्नाटक, प्ैत्व्.प्प्त्ै ने भौगोलिक डेटा के संदर्भीकरण के माध्यम से निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में AI की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) अशोक कुमार, रक्षा मंत्रालय ने AI प्रौद्योगिकियों, विशेषकर डीप फेक तकनीक के सुरक्षा चिंताओं और नैतिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित किया। डाॅ. प्रीत दीप सिंह, इन्वेस्ट इंडिया ने भविष्य की तकनीकों के लिए निवेश आकर्षित करने पर जानकारी दी, जिसमें डेटा कौशल और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रोपफेसर धर्म बुधि, उत्तरांचल विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा में एक बहुविषयक दृष्टिकोण की वकालत की, जबकि प्रोपफेसर अक्षय द्विवेदी, प्प्ज् रुड़की ने सहयोगात्मक AI अनुसंधान परियोजनाओं से सीखे गए पाठ साझा किए। दूसरे विषय सत्रा का शीर्षक था ‘भविष्य के लिए तैयारी, बुनियादी और कौशल सेट पर चर्चा की गई। प्रोपफेसर मयंक अग्रवाल, गुरुकुल कांगरी विश्वविद्यालय द्वरा समन्वित इस सत्रा में डाॅ. एचएस बिष्ट, CSIR-IIP ने मौलिक अनुसंधान में AI की भूमिका पर चर्चा की ;डाॅ. मनी माधुकर, प्ठड इंडियाद्ध ने शिक्षा पर उद्योग के प्रभाव की समीक्षा की और प्रोपफेसर ए.के. त्रिपाठी, आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने पारंपरिक प्रथाओं में ।प् के एकीकरण की जांच की। अन्य वक्ताओं में डाॅ. प्रीति कोटियाल, देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय, श्री सिद्धार्थ माधव, टेक्नोहब लेबोरेट्रीज़, और श्री मनस उपाध्याय DTOWN रोबोटिक्स लिमिटेड ने नवोन्मेषी शिक्षा माॅडलों और तकनीकी स्टार्टअप्स की संभावनाओं पर प्रस्तुतिकरण किया। तीसरे सत्रा का शीर्षक था ‘उत्तराखंड के लिए ।प् को कार्यान्वित करना, क्षेत्राीय डेटा और उपयोग के मामले,’ जिसमें AI के व्यावहारिक अनुप्रयोगों को विभिन्न क्षेत्रों में दर्शाया गया। डे. मैत्रोयि शर्मा, ।ब्त्व्ज्ञछ।ब्ज्ञै टेक्नोलाॅजी साॅल्यूशंस ने डिजिटल मीडिया क्षेत्रा में ।प् के प्रभाव पर चर्चा की। डाॅ. कमल पांडेय, ISRO-IIRS ने बु(िमान निर्णय लेने के लिए रिमोट सेंसिंग के साथ AI के एकीकरण पर बात की। कैप्टन कुनाल उनियाल, डंतपजमबी ने लाॅजिस्टिक्स और ट्रैपिफक चुनौतियों को ।प् के माध्यम से हल करने पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि श्री राजत वर्धन, ।हतवछगज ने स्मार्ट मिट्टी पोषक तत्व परीक्षण उपकरणों पर प्रकाश डाला। डाॅ. ए.एस. नैन, ळठच्न्।ज् पंतनगर ने कृषि में AI अनुप्रयोगों की जांच की, और श्री मनीष कुमार, अशोका बिल्डकाॅन ने स्मार्ट शहरों में AI के उपयोग मामलों पर चर्चा की। सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण था समापन संवाद सत्रा ‘उत्तराखंड के लिए AI रोडमैप, समूह गतिविधि,’ जिसमें प्रतिभागियों को एक संपूर्ण ।प् रणनीति तैयार करने के लिए सहयोगी चर्चाओं में शामिल किया गया। इस सत्रा का उद्देश्य क्षेत्राीय चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास को बढावा देने के लिए ।AI के उपयोग के लिए विचारों को ठोस योजनाओं में बदलना था। यह सम्मेलन राज्य की मौजूदा AI क्षमताओं का मूल्यांकन करने और भविष्य के विकास के लिए एक रणनीतिक रोडमैप तैयार करने के लिए एक सहयोगी मंच प्रदान करने का उद्देश्य था। यह रोडमैप नैतिक विचारों, नीति और एक मजबूत ।प् वातावरण को समर्थन देने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रयासों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को संबोधित करेगा। उत्तराखंड के लिए ।प् सम्मेलन कृत्रिम बु(िमत्ता को राज्य की विकास रणनीति में एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूणर्् ा कदम है, जो उत्तराखंड के भविष्य पर नवाचारात्मक वृ(ि और परिवर्तनकारी प्रभाव का मार्ग प्रशस्त करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments