उपभोक्ता जागरूकता का प्रतीक बनी “बिल लाओ, ईनाम पाओ” योजना

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(देवभूमि उत्तराखंड ने अपनी रजत जयंती स्थापना वर्ष का शुभारंभ नवाचार और जनभागीदारी के संग किया। राजधानी देहरादून स्थित सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “बिल लाओ, ईनाम पाओ” योजना के मेगा लकी ड्रॉ के साथ राज्य स्थापना रजत जयंती समारोह का भव्य उद्घाटन किया। इस आयोजन ने न केवल राज्य के 25 गौरवशाली वर्षों के उत्सव को नई दिशा दी, बल्कि उपभोक्ता जागरूकता, कर अनुपालन और पारदर्शी व्यवस्था की भावना को भी नई ऊंचाई दी। राज्य कर विभाग की इस अभिनव योजना के माध्यम से आम जनता को कर प्रणाली से जोड़ने का जो प्रयास 2022 में शुरू हुआ था, वह अब प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले चुका है। कार्यक्रम में 1888 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया, जिसमें नैनीताल की सोनिया और टिहरी के जसपाल रावत ने प्रथम पुरस्कार स्वरूप इलेक्ट्रिक कार जीतकर सबका ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री ने विजेताओं से सीधे संवाद कर उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि “बिल लाओ, ईनाम पाओ” जैसी योजनाएं पारदर्शिता, ईमानदारी और जागरूक नागरिकता की नई मिसाल हैं। उन्होंने घोषणा की कि यह योजना आगे भी राज्य में जारी रहेगी ताकि कर अनुपालन की संस्कृति और सुदृढ़ हो सके। दिव्य हिमगिरि रिपोर्ट)

राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय से ‘बिल लाओ, ईनाम पाओ’ योजना के मेगा लकी ड्रॉ के साथ की। राज्य कर विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कुल 1888 विजेताओं के नाम निकाले गए। नैनीताल की सोनिया और टिहरी के जसपाल रावत ने प्रथम पुरस्कार के रूप में एक-एक इलेक्ट्रिक कार जीती। मुख्यमंत्री ने दोनों विजेताओं से फोन पर बात कर उन्हें शुभकामनाएं दीं और घोषणा की कि यह योजना राज्य में जारी रहेगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “बिल लाओ, ईनाम पाओ” जैसी अभिनव योजना ने उत्तराखंड के राजस्व संग्रहण में नई चेतना और ऊर्जा का संचार किया है। वर्ष 2022 में प्रारंभ इस योजना के तहत अब तक 6 लाख 50 हजार बिलों के माध्यम से 263 करोड़ रुपये का लेनदेन अपलोड किया गया। इससे व्यापारी वर्ग में कर अनुपालन की संस्कृति को बढ़ावा मिला है और राज्य की राजस्व प्राप्ति में निरंतर वृद्धि दर्ज हुई है। उन्होंने कहा कि यह योजना उपभोक्ता जागरूकता और जनभागीदारी का सशक्त प्रतीक बन चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से व्यापारियों को भी सहूलियत मिली है और पारदर्शिता में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में व्यापार, उद्यम और नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है। आज राज्य में भ्रष्टाचार-मुक्त और भयमुक्त वातावरण बन चुका है, जिससे व्यापारी वर्ग पहले से अधिक सुरक्षित महसूस कर रहा है। सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” और “वार्षिक व्यापार सुधार कार्य योजना” के तहत निवेश और उद्यमिता के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा रहा है। वित्तीय प्रबंधन में नवाचार, संसाधनों के कुशल उपयोग और पारदर्शी व्यवस्था पर सरकार का विशेष ध्यान है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की कि हर खरीदारी पर बिल अवश्य लें, ताकि राज्य के विकास में उनकी सीधी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। मेगा लकी ड्रॉ में 2 विजेताओं को इलेक्ट्रिक कार, 16 को कार, 20 को ई-स्कूटर, 50 को मोटरसाइकिल, 100 को लैपटॉप, 200 को स्मार्ट टीवी, 500 को टैब और 1000 विजेताओं को माइक्रोवेव सहित अन्य पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, आयुक्त राज्य कर सोनिका, अपर सचिव नवनीत पांडेय, अपर सचिव मनमोहन मैनाली, उद्योग व्यापार समूह के पंकज गुप्ता, राजीव अग्रवाल, सुनील मैसन, चार्टर्ड एकाउंटेंट रवि माहेश्वरी, संजीव गोयल, टैक्स बार एसोसिएशन के सुमित ग्रोवर, योगेश चोपड़ा सहित राज्य कर विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

“बिल लाओ, ईनाम पाओ” बना उत्तराखंड का सफल मॉडल

‘बिल लाओ, ईनाम पाओ’ योजना उत्तराखंड में एक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। शुक्रवार को हुए मेगा लकी ड्रॉ के बाद लोगों में योजना को लेकर नया जोश देखने को मिला।‘बिल लाओ, ईनाम पाओ’ योजना ने उत्तराखंड के बाजार तंत्र में एक नई सोच और पारदर्शिता की लहर पैदा की है। उपभोक्ता जहां अब हर खरीदारी पर बिल मांगने लगे हैं, वहीं व्यापारी वर्ग भी कर अनुपालन के प्रति पहले से अधिक सजग और जिम्मेदार हो गया है। यह बदलाव न केवल सरकार के राजस्व में इजाफा करेगा, बल्कि व्यापार के तौर-तरीकों को भी नया स्वरूप देगा।दूसरी ओर व्यापारी वर्ग के लिए भी यह योजना लाभदायक सिद्ध हो रही है। उन्हें अब यह एहसास हो रहा है कि पारदर्शिता और कर अनुपालन से न केवल उनकी साख बढ़ती है बल्कि ग्राहक भी अधिक भरोसा करते हैं। राज्यभर में उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों ने इस नवाचार को “ईमानदार लेनदेन की मिसाल” बताया। देहरादून, हल्द्वानी, हरिद्वार और टिहरी जैसे शहरों में अब ग्राहक हर खरीदारी पर बिल मांगना नहीं भूलते। कई दुकानदारों ने बताया कि उपभोक्ता खुद बिल मांगते हैं, जिससे पारदर्शिता और कर अनुपालन दोनों बढ़े हैं। राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योजना की शुरुआत से अब तक ऑनलाइन बिल अपलोड में 40% की वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही नए करदाताओं के पंजीकरण में उल्लेखनीय उछाल देखा गया है, जिससे राज्य की राजस्व प्राप्ति पर सकारात्मक असर पड़ा है। इस योजना ने डिजिटल जागरूकता को भी बढ़ावा दिया है। आम नागरिक अब मोबाइल ऐप के माध्यम से बिल अपलोड कर रहे हैं, जिससे डिजिटल पेमेंट संस्कृति को भी प्रोत्साहन मिला है। विभाग का कहना है कि अगले चरण में योजना को छोटे कस्बों और ग्रामीण बाजारों तक पहुंचाने की तैयारी चल रही है। दिलचस्प बात यह भी है कि महिलाओं और युवाओं की भागीदारी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले वर्ष की तुलना में महिला उपभोक्ताओं द्वारा अपलोड किए गए बिलों में 30% वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “बिल लाओ, ईनाम पाओ” योजना उपभोक्ता जागरूकता और साझा जिम्मेदारी का प्रतीक बन गई है। उन्होंने इसे “राजस्व बढ़ोतरी और पारदर्शी शासन का सफल मॉडल” बताते हुए कहा कि इसे आगे और तकनीकी रूप से सशक्त किया जाएगा, ताकि हर नागरिक कर अनुपालन में भागीदार बन सके।राज्य कर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अगर यह प्रवृत्ति बनी रही तो अगले दो वर्षों में राज्य के अपने कर राजस्व में 15-20% की वृद्धि संभव है। अधिक बिलिंग का अर्थ है अधिक कर अनुपालन, जिससे विकास परियोजनाओं के लिए फंडिंग और मजबूत होगी। वित्त विभाग अब इस योजना को ब्लॉक और पंचायत स्तर तक ले जाने की योजना बना रहा है। ग्रामीण हाट, साप्ताहिक बाजारों और मेलों में भी उपभोक्ताओं को बिल की महत्ता समझाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

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