केदारनाथ धाम में बादल फटने से हजारों यात्राी फंस गए। मुख्यमंत्राी पुष्कर सिंह धामी ने बिना देर किए ही मोर्चा संभाल लिया। राज्य सरकार द्वारा भी हर तरह से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन को तत्परता से सर्च व रेस्क्यू आपरेशन करने के निर्देश दिए गए। इन श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएपफ, सेना और एसडीआरएपफ की टीम ने रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया गया। भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुए केदारनाथ ट्रेकिंग मार्ग से 15 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को बचाया गया है। 31 जुलाई को भारी बारिश और बादल फटने से लिनचोली, भीमबली, घोड़ापड़ाव और रामबाड़ा सहित कई स्थानों पर केदारनाथ पैदल मार्ग बह गया, जिससे हिमालयी मंदिर के तीर्थयात्राी फंस गए। भूस्खलन के कारण अन्य स्थानों पर भी मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए।
उत्तराखंड में 31 जुलाई को भयंकर आपदा आई। केदारनाथ धाम में बादल पफटने से हजारों यात्राी फंस गए। लेकिन इस बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्राी पुष्कर सिंह धामी ने बिना देर किए ही पूरी तरह से मोर्चा संभाल लिया और हजारों तीर्थ यात्रियों को मौत के मुंह से निकाल लाए। भारी बारिश और भूस्खलन के बाद केदारघाटी और रुद्रप्रयाग में कई तीर्थ यात्राी फंस गए थे। केदारघाटी में आई अतिवृष्टि के बाद राज्य सरकार द्वरा भी हर तरह से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन को तत्परता से सर्च व रेस्क्यू आॅपरेशन करने के निर्देश दिए गए। इन श्र(ालुओं और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएपफ, सेना और एसडीआरएपफ की टीम ने रेस्क्यू आॅपरेशन शुरू किया गया। भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हुए केदारनाथ ट्रेकिंग मार्ग से 15 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को बचाया गया है। एनडीआरएपफ, वायु सेना और स्थानीय पुलिस फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकालने में जुटे रहे। लगातार मुख्यमंत्राी पुष्कर सिंह धामी इस रेस्क्यू आॅपरेशन की माॅनिटरिंग करते रहे। इन सबके बीच दो बार मुख्यमंत्राी धामी ने की घटनास्थल का दौरा सीधे ही प्रभावित लोगों से बात की। केदारघाटी में आई आपदा के बाद से केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग पर पड़ावों पर फंसे सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। 31 जुलाई को भारी बारिश और बादल फटने से लिनचोली, भीमबली, घोड़ापड़ाव और रामबाड़ा सहित कई स्थानों पर केदारनाथ पैदल मार्ग बह गया, जिससे हिमालयी मंदिर के तीर्थयात्राी फंस गए। भूस्खलन के कारण अन्य स्थानों पर भी मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए। सेना ने केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर पैदल पुल का निर्माण शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्राी पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को आपदा प्रभावित केदारघाटी क्षेत्रा का निरीक्षण करने के लिए रुद्रप्रयाग पहुंचे। मुख्यमंत्राी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके अलावा केदारघाटी में अतिवृष्टि से हुई क्षति, सड़क एवं अन्य मार्गों सहित अन्य नुकसान की समीक्षा एवं पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। सीएम धामी ने कहा कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भूस्खलन की चपेट में आने से पैदल और सड़क मार्ग कटा हुआ है। इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत की लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों के सुझाव और सहायता लेने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए। मुख्यमंत्राी ने कहा कि रिकाॅर्ड समय में 15 हजार से अधिक यात्राी और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है। सीएम धामी ने कहा कि हेलीसेवा के माध्यम से दर्शन करने पहुंच रहे श्र(ालुओं को किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। शुक्रवार को केदारनाथ रेस्क्यू को लेकर मुख्यमंत्राी पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बचाव अभियान लगभग पूरा हो चुका है और अधिकांश लोगों को वहां से निकाल लिया गया है। अब हमारी प्राथमिकता जल्द से जल्द यात्रा को पिफर से शुरू करना है। वहीं उत्तराखंड में भारी बारिश के साथ ही लैंडस्लाइड का दौर भी जारी है। रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में लैंडस्लाइड के कारण नेशनल हाईवे बंद हैं। केदारनाथ नेशनल हाईवे पर पिफर से लैंडस्लाइड हुआ है। इस बार डोलिया देवी के पास पहाड़ टूटकर एनएच पर गिर गया है। दरअसल देर रात केदारघाटी में जोरदार बारिश हुई थी। शनिवार सुबह जब मौसम साफ हुआ तो पहाड़ भर भराकर टूट गया। वहीं चमोली जिले में गौचर के कमेड़ा में बदरीनाथ नेशनल हाईवे बंद हुआ है।





