सुपरफ़ूड ऑफ़ इंडिया: वंदना

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सुपरफ़ूड ऑफ़ इंडिया – “हमारे रसोई घर की छुपी दवा ” आज की तेज़-तर्रार ज़िंदगी में लोग हेल्दी रहने के लिए तरह-तरह के सप्लीमेंट्स और महंगे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि भारत की परंपरागत रसोई ही हमारी असली दवा है। हमारी दादी-नानी जिन खाद्य पदार्थों का रोज़ाना इस्तेमाल करती थीं, वे ही आज ‘Superfoods’ कहलाते हैं। ये खाद्य पदार्थ न सिर्फ हमारे शरीर को पोषण देते हैं बल्कि रोगों से लड़ने की ताकत भी प्रदान करते हैं। इस लेख में हम हल्दी, मेथी, रामदाना (अमरंथ), सत्तू, गोंद और मोरिंगा (सहजन) जैसे भारतीय सुपरफूड्स के वैज्ञानिक और परंपरागत फायदों पर चर्चा करेंगे।

1. हल्दी – सुनहरी एंटीसेप्टिक परंपरागत उपयोग: हल्दी का इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों से घाव भरने, त्वचा की देखभाल और संक्रमण रोकने के लिए होता आया है। वैज्ञानिक दृष्टि: हल्दी में पाया जाने वाला ‘कर्क्यूमिन (Curcumin)’ एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है। पोषण मूल्यों की बात करें तो (100 ग्राम में): कैलोरी 354, प्रोटीन 8g, फाइबर 22g, आयरन 55mg, मैंगनीज 7mg, विटामिन C 26mg स्वास्थ्य लाभ की बात करें तो • प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है • जोड़ों के दर्द और सूजन में आराम • कैंसर-रोधी गुण • लीवर को डिटॉक्सिफाई करती है कैसे लें: दूध में हल्दी डालकर ‘गोल्डन मिल्क’, सब्जियों या दाल में मसाले के रूप में। 2. मेथी – डायबिटीज की नैचुरल दवा परंपरागत उपयोग: मेथी दाना को भिगोकर खाने से पाचन सुधरता है और शुगर लेवल नियंत्रित होता है। वैज्ञानिक दृष्टि: इसमें ‘गैलैक्टोमैनन फाइबर और ट्राइगोनेलिन’ पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं। पोषण मूल्यों पर जाऊं तो (100 ग्राम में): कैलोरी 323, प्रोटीन 23g, फाइबर 25g, आयरन 33mg, मैग्नीशियम 191mg स्वास्थ्य लाभ: • डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान • दूध बढ़ाने में सहायक (लैक्टेशन) • कब्ज और अपच दूर करता है • बालों और त्वचा के लिए लाभकारी कैसे लें: अंकुरित मेथी दाना, सब्जी, पराठा, या दही के साथ पाउडर। 3. रामदाना (अमरनाथ) – प्रोटीन से भरपूर अनाज परंपरागत उपयोग: व्रत में खाया जाने वाला रामदाना ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है। वैज्ञानिक दृष्टि: इसमें ‘लाइसिन (Lysine)’ नामक आवश्यक अमीनो एसिड होता है, जो अधिकांश अनाजों में नहीं मिलता। पोषण मूल्य (100 ग्राम में): कैलोरी 371, प्रोटीन 14g, फाइबर 7g, कैल्शियम 159mg, आयरन 7.6mg, मैग्नीशियम 248mg स्वास्थ्य लाभ: ग्लूटेन-फ्री और हाई प्रोटीन कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर हड्डियों और रक्त निर्माण के लिए उत्तम बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी कैसे लें: चिल्ला, लड्डू, खीर, या आटे में मिलाकर रोटियाँ। 4. सत्तू – देसी प्रोटीन ड्रिंक उपयोग – बिहार और उत्तर भारत में “सत्तू का शर्बत” गर्मियों में पिया जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि – भुने चने से बना सत्तू प्रोटीन, फाइबर और आयरन का अच्छा स्रोत है। पोषण मूल्य (100 ग्राम में): कैलोरी 413, प्रोटीन 22g, फाइबर 11g, आयरन 7mg, कैल्शियम 150mg

स्वास्थ्य लाभ: ठंडक और एनर्जी देता है ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है वजन घटाने में सहायक कैसे लें: नमकीन/मीठा सत्तू शर्बत, पराठा, लड्डू। 5. गोंद – हड्डियों का सहारा परंपरागत उपयोग – सर्दियों में गोंद के लड्डू ताकत और गर्मी देने के लिए खाए जाते हैं। वैज्ञानिक दृष्टि – गोंद एक प्राकृतिक रेज़िन है, जिसमें कैल्शियम और प्रोटीन होते हैं। पोषण मूल्य (100 ग्राम में): कैलोरी 350, प्रोटीन 2g, कार्बोहाइड्रेट 85g, कैल्शियम 40mg स्वास्थ्य लाभ: हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करता है प्रसव के बाद महिलाओं के लिए ऊर्जा बढ़ाने वाला सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है कैसे लें: गोंद के लड्डू, दूध या हलवे में। 6. मोरिंगा (सहजन की पत्ती) – मल्टीविटामिन का नैचुरल पैकेट परंपरागत उपयोग – सहजन की फली और पत्तियाँ दक्षिण भारत से लेकर पूरे देश में प्रयोग की जाती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि – मोरिंगा पत्तियों में विटामिन A, C, E, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। पोषण मूल्य (100 ग्राम में): कैलोरी 64, प्रोटीन 9g, कैल्शियम 185mg, आयरन 4mg, विटामिन C 51mg स्वास्थ्य लाभ: खून की कमी (एनीमिया) दूर करता है ब्लड प्रेशर और शुगर को संतुलित करता है आँखों और त्वचा के लिए लाभकारी इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक कैसे लें: पत्तियों की सब्ज़ी, सूप, चूर्ण या कैप्सूल।

निष्कर्ष हमारे घर की रसोई में छिपे ये सुपरफूड्स न केवल पोषण का खजाना हैं बल्कि बीमारियों से बचाने वाली प्राकृतिक दवा भी हैं। आज जब लोग कृत्रिम सप्लीमेंट्स की ओर भाग रहे हैं, हमें अपने पारंपरिक खाद्य पदार्थों पर गर्व करना चाहिए और इन्हें रोज़ाना के आहार में शामिल करना चाहिए।

याद रखें – स्वस्थ जीवन का राज हमारी थाली में ही छुपा है।

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