- 198 मेगावाट क्षमता की रामगंगा परियोजना में विभिन्न उपकरणों हेतु आधुनिक तकनीक आधारित प्री-वायर्ड न्यूमेरिकल रिले पैनल की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण एवं कमीशनिंग के कार्यों को निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई।
- जनपद उत्तरकाशी में स्थित 90 मेगावाट के तिलोथ विद्युत गृह के लिए स्फेरिकल मेन इनलेट वाल्व (MIV) की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण एवं कमीशनिंग के कार्यों को भी निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
- सहायक लेखाकार के रिक्त पदों को 40% विभागीय परीक्षा कोटे के अंतर्गत वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति द्वारा एवं शेष पदों को विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरे जाने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
- तांकुल लघु जलविद्युत परियोजना हेतु संशोधित डीपीआर को भी स्वीकृति दी गई।
- लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना की प्रगति से संबंधित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की गई।
- मध्यमहेश्वर लघु जलविद्युत परियोजना की 650 वर्गमीटर भूमि का उपयोग उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 33/11 के.वी. ऊखीमठ उपकेंद्र के स्थानांतरण हेतु अनापत्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
- सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में गोरीगंगा नदी पर प्रस्तावित 120 मेगावाट की सिरकारी भ्योल रूपसियाबगड़ जलविद्युत परियोजना के विस्तृत सिविल डिज़ाइन एवं इंजीनियरिंग, प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग तथा गुणवत्ता नियंत्रण सेवाओं के लिए भी वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई।8. 120 मेगावाट की व्यासी जलविद्युत परियोजना के निर्माण हेतु लिए गए श्रण को नाबार्ड के माध्यम से कम दरों पर पुनर्वित्तपोषण की स्वीकृति भी दी गई जिसका लाभ आम जनता को भी मिलेगा ।
- 114 मेगावाट की सेला उर्थिंग परियोजना की डीपीआर को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
बैठक में मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन एवं अध्यक्ष यूजीवीएन लिमिटेड श्री आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ. आर. मिनाक्षी सुंदरम के साथ ही श्री इंदु कुमार पांडेय, श्री बी.पी. पांडेय, श्री पराग गुप्ता, प्रबंध निदेशक यूजेवीएन लिमिटेड डॉ. संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल श्री अनिल कुमार, प्रबंध निदेशक पिटकुल श्री पी.सी. ध्यानी तथा अन्य निदेशक उपस्थित रहे।






